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डॉ० कुँअर बेचैन
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डॉ० कुँअर बेचैन

दुनिया ने मुझ पे फेंके थे पत्थर जो बेहिसाब, मैंने उन्हीं को जोड़ के कुछ घर बना लिए

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May 11, 2025
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ऑस्ट्रलियांचल साहित्यिक हिन्दी ई-पत्रिका एवं डॉ० कुँअर बेचैन स्मृति न्यास ऑस्ट्रेलिया द्वारा संचालित
कोई नहीं है देखने वाला तो क्या हुआ
हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ
पिन बहुत सारे – डॉ. कुँअर बेचैन // अनुवादक डॉ. शिवराज वत्स्य
एक गहरे समुन्दर में उतर जाती है रोज़ – डॉ. कुँअर बेचैन
आंसुओं की शक़्ल लेकर – डॉ. कुँअर बेचैन
कोई नहीं है देखने वाला तो क्या हुआ
हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ
पिन बहुत सारे – डॉ. कुँअर बेचैन // अनुवादक डॉ. शिवराज वत्स्य
एक गहरे समुन्दर में उतर जाती है रोज़ – डॉ. कुँअर बेचैन

ग़ज़ल

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यह मत समझो उसके घर दिन चार का आना जाना है

by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs
ग़ज़ल
by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs

करो चर्चे न बेगानी ग़ज़ल के

by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs

दुलहिनों के भाल चिपकी बेंदियाँ अच्छी लगीं

by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs

ज़िंदगी यूँ भी जली यूँ भी जली मीलों तक

by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs

बेख़ुदी में तू ही तू कहता था इकतारे के साथ

by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs

चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया

by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs

अकेली बूँद अंगारों में कब तक

by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs

पेड़ हरियाले रहे तो पत्तियाँ आ जायेंगी

by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs

फूल को ख़ार बनाने पे तुली है दुनिया

by drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023 2 yrs

धूप निकली तो नज़र आये नज़ारे कितने

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डॉ० कुँअर बेचैन स्मृति न्यास ऑस्ट्रेलिया

पिन बहुत सारे – डॉ. कुँअर बेचैन // अनुवादक डॉ. शिवराज वत्स्य

by drkunwarbechainpoetry2023 November 30, 2024 1 5 mths

एक गहरे समुन्दर में उतर जाती है रोज़ – डॉ. कुँअर बेचैन

by drkunwarbechainpoetry2023 November 30, 2024 5 mths

आंसुओं की शक़्ल लेकर – डॉ. कुँअर बेचैन

by drkunwarbechainpoetry2023 November 30, 2024 5 mths

कोई नहीं है देखने वाला तो क्या हुआ

by drkunwarbechainpoetry2023 November 30, 2024 1 min 5 mths

हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ

by drkunwarbechainpoetry2023 September 14, 2023 1 min 2 yrs

दे के तनहाई का मेला चल दिए डॉ० कुँअर बेचैन

by drkunwarbechainpoetry2023 April 29, 2023 1 min 2 yrs

किराए का है ये मकाँ छोड़ते हैं डॉ० कुँअर बेचैन

by drkunwarbechainpoetry2023 April 29, 2023 1 min 2 yrs

डॉ० कुँअर बेचैन जी के बारे में

पिन बहुत सारे – डॉ. कुँअर बेचैन // अनुवादक डॉ. शिवराज वत्स्य

एक गहरे समुन्दर में उतर जाती है रोज़ – डॉ. कुँअर बेचैन

आंसुओं की शक़्ल लेकर – डॉ. कुँअर बेचैन

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