Skip to content
डॉ० कुँअर बेचैन जी के बारे में
सम्पर्क करें
डॉ० कुँअर बेचैन
दुनिया ने मुझ पे फेंके थे पत्थर जो बेहिसाब, मैंने उन्हीं को जोड़ के कुछ घर बना लिए
December 23, 2024
Sydney, Australia
Toll free 1660-6767-8909
International paper
ऑस्ट्रलियांचल साहित्यिक हिन्दी ई-पत्रिका एवं डॉ० कुँअर बेचैन स्मृति न्यास ऑस्ट्रेलिया द्वारा संचालित
पिन बहुत सारे – डॉ. कुँअर बेचैन // अनुवादक डॉ. शिवराज वत्स्य
एक गहरे समुन्दर में उतर जाती है रोज़ – डॉ. कुँअर बेचैन
आंसुओं की शक़्ल लेकर – डॉ. कुँअर बेचैन
कोई नहीं है देखने वाला तो क्या हुआ
हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ
Year:
2023
Home
2023
अपनी सियाह पीठ छुपाता है आईना
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
ग़ज़ल
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
जब सुलगते दिल में आहें बनके छाता है धुँआ
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
उन्वान है अब जिसका उन्वान की खामोशी
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
प्यार पूजा घर था पहले अब तो बस बाज़ार है
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
हो के मायूस न यूँ शाम से ढलते रहिए
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
हो सके तो दिल में मेरे डोलते रहिए ज़रा
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
बंद आँखों को मेरी उसके ख़यालों ने छुआ
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
दो चार बार हम जो कभी हँस-हँसा लिये
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
इतनी जल्दी भी न मिल बेचैन होने दे उसे
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
2 yrs
ग़ैर को अपना बनाने की अदा जाती रही
Posts pagination
Previous
1
2
3
4
5
6
Next
डॉ० कुँअर बेचैन स्मृति न्यास ऑस्ट्रेलिया
पिन बहुत सारे – डॉ. कुँअर बेचैन // अनुवादक डॉ. शिवराज वत्स्य
by
drkunwarbechainpoetry2023
November 30, 2024
1
3 weeks
एक गहरे समुन्दर में उतर जाती है रोज़ – डॉ. कुँअर बेचैन
by
drkunwarbechainpoetry2023
November 30, 2024
3 weeks
आंसुओं की शक़्ल लेकर – डॉ. कुँअर बेचैन
by
drkunwarbechainpoetry2023
November 30, 2024
3 weeks
कोई नहीं है देखने वाला तो क्या हुआ
by
drkunwarbechainpoetry2023
November 30, 2024
1 min
3 weeks
हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ
by
drkunwarbechainpoetry2023
September 14, 2023
1 min
1 yr
दे के तनहाई का मेला चल दिए डॉ० कुँअर बेचैन
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
1 min
2 yrs
किराए का है ये मकाँ छोड़ते हैं डॉ० कुँअर बेचैन
by
drkunwarbechainpoetry2023
April 29, 2023
1 min
2 yrs