डॉ० कुँअर बेचैन जी का साहित्य
डॉ० कुँअर बेचैन ऑफीशियल वेबसाईट
Uncategorised
Uncategorised
Uncategorised
दुनिया ने मुझ पे फेंके थे पत्थर जो बेहिसाब, मैंने उन्हीं को जोड़ के कुछ घर बना लिए
ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तकचाँदनी चार क़दम, धूप चली मीलो तक प्यार का गाँव अजब गाँव है जिसमें अक्सरख़त्म होती ही नहीं दुख की गली मीलों तक प्यार में कैसी थकन कहके ये घर से निकलीकृष्ण की खोज में वृषभानु-लली मीलों […]
ग़ज़ल